पाठ 4
इंद्रधनुष
उमड़े बरसे काले मेघ,
नभ में जैसे लाखों छद,
वर्षा थमी धरा महकी,
प्रकृति दिखती हरी भरीl
सहसा सूर्यदेव आय
सोने की किरने लाय ,
नभ पर रंगों का मेला,
अर्ध-वृत्त जैसा फैलाl
यह है इंद्रधनुष प्यारा,
सतरंगा नयारा- नयारा,
हृदय- हार नभ रानी का
मोहित मन हर प्राणी काl
सुंदर यह प्रभु का झूला,
देख देख कर मन फूला,
झूला प्रभु के आंगन में,
किरने झूले सावन मेंl
वर्षा ऋतु मुस्काती है,
सतरंगी हो जाती है,
आओ हम भी मुस्काए
रंग खुशी के बिखराएंl
3. लिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्य में लिखें:-
( क) कविता में बादलों का रंग कैसा बताया गया है?
1.
उत्तर: कविता में बादलों का रंग काला बताया गया हैl
( ख) वर्षा के बाद प्रकृति कैसी दिखाई गई है?
2. उत्तर: वर्षा के बाद प्रकृति हरी-भरी दिखाई देती हैl
(ग) वर्षा के बाद सूर्य दिखाई देने पर नभ पर क्या दिखाई देता है?
3. उत्तर: वर्षा के बाद सूर्य दिखाई देने पर नभ पर इंद्रधनुष दिखाई देता हैl
(
घ) इंद्रधनुष का आकार कैसा दिखता है?
4. उत्तर: इंद्रधनुष का आकार झूले जैसा होता हैl
( ड़) कवि ने इंद्रधनुष के लिए अन्य कौन सा शब्द प्रयोग किया है?
5. उत्तर: कवि ने इंद्रधनुष के लिए सतरंगा शब्द प्रयोग किया हैl
4. निम्नलिखित
प्रश्नों के उत्तर चार या पांच वाक्य में लिखें:-
( क) सावन के महीने में प्रकृति हरी भरी क्यों दिखाई देती है?
1. उत्तर: सावन के महीने में प्रकृति हरी-भरी इसीलिए दिखाई देती है क्योंकि वर्षा ऋतु शुरू हो जाती हैl गर्मी के कारण प्रकृति हरी-भरी नहीं रहतीl
( ख) इस माह की अन्य क्या विशेषताएं है?
2.
उत्तर: इस माह की विशेषताएं हैं प्रकृति हरी भरी हो जाती हैl वर्षा के बाद इंद्रधनुष सतरंगा सा नियारा नियारा आता है जो के हृदय को मोहित कर देता हैl सुंदर झूला देखकर मन फूल उठता हैl कवि कहता है कि हम भी इस ऋतु की तरह खुशी के रंग बिखरायl
(ग) वर्षा क्षेत्र से हमें मुस्कुराती रहने का क्या संदेश मिलता है?