पाठ 17
पिल्ले
बिकाऊ
है
एक दुकानदार ने अपनी दुकान के बाहर एक बोर्ड लगा है जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों से लिखा था "पिल्ले बिकाऊ है"l कुछ दिनों में यह बोर्ड आसपास के बच्चों के आकर्षण का केंद्र बन गयाl एक दिन एक बच्चा उस बोर्ड वाली दुकान के भीतर गया और उसने दुकानदार से पूछा, "इन पिल्लो की क्या कीमत है?"
दुकानदार ने उत्तर दिया," पिल्ले की नस्ल और सेहत के मुताबिक उनकी कीमत रखी गई है जो $3 से $50 के बीच कुछ भी हो सकती हैl" उस बच्चे ने अपनी जेब में हाथ डाला और कुछ सिक्के निकाले मेरे पास फिलहाल $2 और 37 सेंट है, क्या मैं उन्हें देख सकता हूं?" वह दुकानदार मुस्कुराया और उसने सिटी बजाएl सिटी के आवाज सुनते ही लेडी नाम की एक कुत्तिया माद से निकलकर गलियारों से होती हुई दौड़ी दौड़ी आईl उसके पीछे 5-6 छोटे- छोटे पिल्ले दौड़ते हुए आएl एक पिल्ला लंगड़ा हुआ सबसे पीछे चल रहा थाl अचानक उस बच्चे की नजर उस पिल्ले पर पड़ीl
उसने पूछा," इस पिल्ले को क्या हुआ है?"
दुकानदार ने कहा "इसके जन्म के समय कुत्तों के डॉक्टर ने मुझे बताया था कि इसका एक कुल्हा बुरी तरह टूट गया है जिसके कारण यह कभी दूसरे कुत्तों की तरह चल नहीं चल पाएगा"l
दुकानदार की बात सुनकर बच्चे की उत्सुकता और अधिक बढ़ गई और उसने कहा," मैं यही पिल्ला खरीदना चाहता हूंl"
दुकानदार ने उत्तर दिया," नहीं- नहीं, मैं जानता हूं तुम इस पिल्ले को बिल्कुल नहीं खरीदना चाहते होl यदि तुम सचमुच ऐसे लेना चाहते हो तो मैं तुमसे इसकी कोई कीमत नहीं लूंगाl"
दुकानदार की बात सुनकर बच्चा परेशान हो गया और कुछ सेकंड बाद उसने व्यक्ति की आंखों में आंखें डाल कर कहा," मैं नहीं चाहता कि तुम मुझे इसे यूं ही दे दोl यह भी दूसरे पिल्लो की तरह सक्षम है और मैं तुम्हें एक की पूरी कीमत दूंगाl फिलहाल मैं तुम्हें $2 और 37 सेंट दे रहा हूं और जब तक इसकी पूरी कीमत नहीं चूकती मैं हर महीने तुम्हें 50 सेंट दूंगा"l
उस दुकानदार ने तेज सवर में कहा," बेटा, मैं जानता हूं कि तुम सचमुच इस पिल्ले को नहीं लेना चाहते होl यह दूसरे पिल्लो की तरह ना तो दौड़ सकता है, न उछल- कूद कर सकता और न ही खेल सकता है, फिर भला तुम इसे क्यों लेना चाहोगे"l वह बच्चा नीचे झुका और उसने अपनी पैंट ऊपर चढ़ाई ताकि वह दुकानदार को अपनी पोलियो से खराब हो चुकी टांग दिखा सके जो लोहे की छड़ों के सहारे सीधी खड़ी थीl उसने एक बार फिर उस दुकानदार की तरफ देखा और कहा," मैं दूसरे लड़कों की तरह अच्छी तरह दौड़ नहीं सकता और इसे छोटे पिल्ले को भी ऐसे ही किसी मालिक की आवश्यकता है जो इस की मजबूरी को समझ सकेl"
दुकानदार से कुछ भी कहते नहीं बन रहा थाl उस नन्हे बालक की बात सुनकर उसकी आंखो में आंसुओ कि धारा निकल पड़ी और फिर कुछ देर बाद होठों से मुस्कुराहट भरकर उसने कहा," बेटा मैं आशा करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इन सभी पिल्लो को तुम्हारे जैसा ही अच्छा मालिक मिले"l
जीवन में यह कोशिश मायने नहीं रखता कि आप क्या है और कौन हैl आपका जीवन है तभी सार्थक हो सकता है जब कोई आप की विशेषताओं की सच्चे मन से सराहना करें, आप जैसे है उसी रूप में आपको स्वीकार करें तथा आप से निस्वार्थ प्रेम करेंl सच्चा मित्र वही है जो उस समय काम आता है, जबकि सारी दुनिया मुंह मोड़ लेती हैl
पिल्ले बिकाऊ है
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दे:-
1. दुकानदार ने दुकान के बाहर बॉर्डर पर क्या लिखा था?
दुकानदार ने दुकान के बाहर बोर्ड पर लिखा था कि पिल्ले बिकाऊ है
2. बच्चे की जेब में कितनी राशि थी?
बच्चे की जेब में $2 और 37 सेंट राशि थी
3. अपाहिज पिल्ले के शरीर का कौन सा भाग टूटा हुआ था?
अपाहिज पिल्ले के शरीर का कुल्हा टूटा हुआ था
4. दुकानदार ने अपाहिज पिल्ले की क्या कीमत बताई?
दुकानदार ने अपाहिज पिल्ले की कीमत कुछ भी बताई
5. बच्चे की टांग किस कारण खराब हो चुकी थी?
बच्चे की टांग के पोलियो कारण खराब हो चुकी थी
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार या पांच वाक्य में दें:-
1. बच्चे द्वारा पिल्लो की कीमत पूछने पर दुकानदार ने क्या उत्तर दिया?
दुकानदार ने उत्तर दिया, "पिल्ले की नस्ल और सेहत के मुताबिक उनकी कीमत रखी गई है जो $30 से $50 के बीच कुछ भी हो सकती है"
2. पिल्ले के अपाहिज होने का कारण पूछने पर दुकानदार ने क्या कहा?
दुकानदार ने कहा कि "इसके जन्म के समय कुत्तों के डॉक्टर ने मुझे बताया था कि इसका एक कुल्हा बुरी तरह टूट गया है जिसके कारण के कभी दूसरे कुत्तों की तरह चल नहीं पाएगा"
3. बच्चे ने अपाहिज पिल्ले को ही क्यों खरीदा?
बच्चा नीचे झुका और उसने अपनी पेंट ऊपर चढ़ाई ताकि वह दुकानदार को अपनी पोलियो से खराब हो चुके टांग दिखा सके जो लोहे की छड़ों के सहारे सीधी खड़ी थीl उसने एक बार फिर उस दुकानदार की तरफ देखा और कहा "मैं दूसरे लड़कों की तरह अच्छी तरह दौड़ नहीं सकता और इस छोटे पिल्ले को भी ऐसे ही किसी मालिक की आवश्यकता है जो इसके मजबूरी को समझ सके"
4. दुकानदार ने बच्चे के फैसले से प्रभावित होकर क्या कहा?
उस नन्हें बालक की बात सुनकर उसकी आंखों से आंसुओं की धारा निकल पड़ी और फिर कुछ देर बाद होठों में मुस्कुराहट भरकर उसने कहा," बेटा मैं आशा करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इन सभी पिल्लो को तुम्हारे जैसा ही अच्छा मालिक मिले"
5. कहानी की अंतिम पंकित में सच्चे की क्या विशेषता बताई है?
आपका जीवन तभी सार्थक हो सकता है जब कोई आप की विशेषताओं की सच्चे मन से सहाराना करें, आप जैसे हैं उसी रूप में आपको स्वीकार करें तथा आप से निस्वार्थ प्रेम करें सच्चा मित्र वही है जो उसे समय काम आता है जबकि सारी दुनिया मुंह मोड़ लेती है