पाठ 9
रोमांचक
रंग-बिरंगे झंडों से सजा मैदान बड़ा आकर्षक लग रहा थाl मैदान में एक शोर पर खिलाड़ी वार्म- अप हो रहे थेl बीचो-बीच आयताकार मैदान की सजावट सचमुच किसी समारोह का आभास करा रही थीl हो भी क्यों न! आज विद्यालय में सरोजिनी सदन व लक्ष्मीबाई सदन की कबड्डी टीमों का फाइनल मुकाबला जो थाl
कुछ ही समय में खेल शुरू होने वाला थाl मैच रेफरी, लाइनमैन, अंक लेखक व टाइम कीपर सभी तैयार थेl बच्चों के तो पैर जमीन पर नहीं पढ़ रहे थेl पढ़े भी क्यों, आज उनके प्रिय खेल कबड्डी का मुकाबला थाl
सरोजिनी टीम के खिलाड़ियों पर दर्शनीय अनुक्रमांक सहित केसरी पोशाक बहुत सज रही थी उधर लक्ष्मीबाई टीम की हरी वर्दी बड़ी आकर्षक लग रही थीl
रेफरी की सीटी बजते ही दोनों टीमें मैदान में आ गईl सरोजनी टीम में अशोक, महेश, सुरेंदर, सरवन, अब्दुल, एंथनी और कृष्ण थेl लक्ष्मीबाई टीम में रघु, गुरप्रीत, सुखविंदर, रमन, जारज, असलम तथा गोविंद से सजी थीl दोनों टीमों में बहुत उत्साह थाl सरोजिनी टीम का नेतृत्व अशोक कर रहा था तथा लक्ष्मीबाई टीम का रमनl पुन: सीटी बजते ही सात-सात खिलाड़ी कतार में खड़े हो गएl रैफरी ने उन का मुआयना किया, दोनों कप्तानों ने हाथ मिलाएl टॉस जीतकर लक्ष्मीबाई टीम ने प्रथम आक्रमण का चुनाव कियाl सारा मैदान तालियों से गूंज उठाlजोरदार स्वागत से खिलाड़ी फूले नहीं समा रहे थेl
लक्ष्मीबाई टीम से गोविंद कबड्डी कबड्डी करता विरोधी टीम के पाले में फुर्ती से पहुंच खिलाड़ियों को छूने का प्रयास करने लगाl विरोधी टीम के खिलाड़ी अपना बचाव करने का प्रयत्न करते हुए उसे दबोचने का दाम लगा रहे थे तभी गोविंद ने महेश को छू दिया और हिरण की तरह चौकड़ी भरता वापिस अपने पाले में आ गयाl रेफरी ने महेश को सारा महेश को मरा घोषित कर दियाl महेश बैठक ब्लाक में बैठ गयाl
अब्दुल बिजली सी तेजी से लक्ष्मीबाई टीम पर टूट पड़ा और छूने के लिए हाथ पांव मारने लगाl वह उछल कर दो खिलाड़ियों को शुक्र पलक झपकते ही वापस अपने पाले में आ गयाl इससे महेश जीवित हो गयाl लक्ष्मीबाई टीम के दोनों खिलाड़ी आउट हो कर बैठक (गैलरी) में चले गएlअब बारी गुरप्रीत की थीl वह रेड करता हुआ विरोधी पाले में पहुंचाl अचानक कैप्टन अशोक ने उसकी कमर पकड़ लीl खिलाड़ी उस पर टूट पड़ेl गुरप्रीत की सांस टूट गईlरेफरी ने उसे भी मरा घोषित कर दियाl वह भी बाहर बैठ गयाl
ट्रेडर्स वर्ण लक्ष्मीबाई टीम के पाले में गया और बोनस लाइन को छूकर नौ दो ग्यारह हो गया उसकी टीम को एक अंक मिल गयाl
लक्ष्मीबाई टीम पिछड़ रही थीl पूरे जोश के साथ रघु कबड्डी कबड्डी करता विरोधी पाले में गया और छूने का प्रयास करने लगाl तभी उसकी टांग सुरिंदर के हाथ आ गईl वह जाल में फंसी मछली की तरह तड़पने लगा पर हिम्मत नहीं हारीl चार खिलाड़ियों को घसीटा वह मध्य रेखा छूने में सफल हो गयाl चारों खिलाड़ी मरे घोषित कर दियाl मैदान तालियों से गूंज उठाl उसकी हिम्मत और साहस से उसकी टीम के खिलाड़ी जीवित हो गए और उनकी टीम को 4 अंक मिलेl
अब कृष्ण रेड करता हुआ आगे बढ़ाकर असलम ने उसे दबोच लियाl साथी खिलाड़ियों की पकड़ से वह अपने आपको नाचना सका उसकी सांस टूट गईl
सरोजिनी टीम में दो खिलाड़ी शेष थेlकप्तान रमण इसमें कबड्डी कबड्डी करता सरोजिनी टीम के पाले में पहुंचा और दोनों खिलाड़ियों को छूकर वापस आ गयाl सरोजिनी टीम की पूरी टीम आउट (मर) हो चुकी थीl अत: रेफरी ने लोना के दो अतिरिक्त अंक लक्ष्मी बाई टीम को दिएl तभी लंबी सीटी बजीl यह मध्यांतर का संकेत थाl
अंक लेखक ने अंको की घोषणा कीl लक्ष्मीबाई टीम विरोधी टीम से आगे थीl 5 मिनट के मध्य अंतर में खिलाड़ियों ने कुछ फल खाए वह पानी पियाl प्रशिक्षक अपनी अपनी टीम में आ गएl वे सवय अपने खिलाड़ियों को रणनीति समझने लगेl सीटी बजते ही दोनों टीमों के खिलाड़ी मैदान में आ गएl नियमानुसार उन्होंने अपने पाले बदल दिएl
लक्ष्मीबाई टीम के खिलाड़ी बहुत उत्साहित हैं पर इस रोज इन टीम के खिलाड़ी भी हिम्मत ना हारेl वे सवय और समझदारी से खेलने लगेl रेडर अब्दुल विरोधी टीम में जाकर बिजली सी फुर्ती से हाथ पांव मारने लगाl लक्ष्मीबाई टीम के खिलाड़ी उसे दबोचना चाहते थे पर उसकी पैंतरेबाजी से उसे पकड़ ना सकेl इसी प्रयास में उनके दो खिलाड़ियों के पैर सीमा रेखा पर आ गएl अब्दुल इशारा करते हुए अपने पाले में वापस आ गयाl रेखा अधिकारी लाइन मैंने उन्हें आउट कर सरोजनी टीम को 2 अंक दे दिएl
कुछ ही समय का खेल शेषथा मुकाबला अत्यंत रोचक और मानसिक हो गया थाl दोनों के अंको में उन्नीस बीस का अंतर थाl इस मैच में कौन जीतेगा? कह पाना कठिन थाl दोनों टीमों के खिलाड़ी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे थे lतालियों, उत्साह वर्धक शब्दों में से दर्शक रोमांचित हो रहे थेl लक्ष्मीबाई टीम का असलम कबड्डी कबड्डी करता है सरोज ने टीम के चक्रव्यूह में गिर गया तभी उसने ऊंची शिलांग लगाई और अपने पाले में आ गयाl अरे यह क्या हुआ? सरोजनी टीम का सुरेंद्र जमीन पर पड़ा तड़पने लगा उसके सिर में चोट लग गई थीl खेल कुछ समय के लिए रुकाl कप्तान ने निर्णायक की सहमति से अपने टीम के पांच अतिरिक्त खिलाड़ियों में से अर्पित को शामिल कर लिया और सुरेंद्र को विश्राम दे दियाl खेल पुण्य शुरू हो गयाl दोनों कप्तान बड़ी रणनीति से अपने अपने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ा रहे थेl दर्शक मंत्रमुग्ध से खिलाड़ियों के आक्रमण सुरक्षा दांव देख रहे थेl तभी लंबी सीटी बजीl स्टॉपवॉच रुक गईl सरोजनी टीम के 40 अंक और लक्ष्मी बाई टीम के 32l सरोजनी टीम विजय घोषित की गईl दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने हाथ मिलाए व विजेता को बधाई दीl शिक्षा सचिव ने विजेता टीम को ट्रॉफी प्रदान कीl दर्शकों ने हर्षोल्लास से इस रोमांचक मुकाबले का आनंद उठायाl
कबड्डी मुकाबला
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक जा दो वाक्य में लिखें:-
( क) कबड्डी की दोनों टीमों के क्या नाम थे?
उत्तर:- कबड्डीकी दोनों टीमों के सरोजिनी सुंदर लक्ष्मीबाई संदल नाम थ
( ख) प्रत्येक टीम में कितने खिलाड़ी थे?
उत्तर:- प्रत्येक टीम में 7 खिलाड़ी थे
(ग) सरोजिनी टीम के कप्तान का क्या नाम था?
उत्तर:- सरोजनी टीम के कप्तान का नाम अशोक था
( घ) लक्ष्मीबाई टीम के कप्तान का क्या नाम था?
उत्तर:- लक्ष्मी टीम के कप्तान का नाम रमन था
( ड) किसी टीम के खिलाड़ी को मरा हुआ कैसे घोषित किया जाता है?
उत्तर:- विरोधी टीम के खिलाड़ी अपना बचाव करने का प्रयास करते हुए उसे दबोचने का लगा रहे थे तभी गोविंद ने महेश को छू दिया और हिरण की तरह चौकड़ी भरता वापस अपने पाली में आ गया रे पुरी ने महेश को मरा घोषित कर दिया
( च) मरा हुआ कहलाने से बचने के लिए खिलाड़ी को क्या करना पड़ता है?
उत्तर:-
( छ) कौन सी टीम विजय घोषित की गई?
उत्तर:-सरोजिनी टीम विजय घोषित की की गई.
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार या पांच वाक्य में लिखो:-
( क) कबड्डी में सांस टूटने का क्या अर्थ है?
( ख) कोई भी मैच खेलने समय टीम के खिलाड़ियों में आपके अनुसार कौन-कौन से गुण होने चाहिए?