पाठ 12 रेणुका झील
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखें:-
( क) क्षितिज अपने माता-पिता व भाई के साथ कहां घूमने गया?
1. मैं अपने माता-पिता व भाई के साथ हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में रेणुका जी घूमने गयाl
( ख) श्री बाल सुंदरी जी का मंदिर कहां पर है?
2. चंडीगढ़ अंबाला सड़क से होते हुए काला अंब 6 किलोमीटर की दूरी पर तरलोक ग्राम में दिव्य शक्ति धाम महामाया श्री बाला सुंदरी जी का मंदिर हैl
(ग) तालाबों का शहर किसे कहा जाता है?
3. नहान शिवालिक पहाड़ियों में सन 1921 में
बसाया शहर हैl समुद्र सतह से 933 मीटर
ऊंचाई पर हैl
नहान को तालाबों का शहर कहा जा सकता हैl
( घ) रेणुका जी किसकी माता थी?
4. रेणुका यह विष्णु के अवतार तथा 21 बार
पृथ्वी को क्षत्रियों से राहत करने वाले परशुराम जी की माता का नाम हैl
(ड़) रेणुका का मेला कहां आयोजित किया जाता है?
5. दुर्गम पहाड़ी स्थान में हर वर्ष नवंबर महीने में
रेणुका का मेला रेणुका झील के किनारे आयोजित होता हैl
(च) पावटा साहिब गुरुद्वारे का संबंध किस गुरु से है ?
6. पावटा साहिब गुरुद्वारे का संबंध गुरु गोविंद सिंह जी से हैंl.
4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार या पांच वाक्य में लिखो:-
( क) नाहन शहर की विशेषताएं लिखें?
1. नहान शिवालिक पहाड़ियों में सन 1921 में
बसाया शहर हैl समुद्र सतह से 933 मीटर
ऊंचाई पर हैl
नहान को तालाबों का शहर कहा जा सकता हैl जहां के रानी
ताल में सुबह की सैर हो सकती है और शाम को वोटिंग भीl सर्व धर्म के नगर नाहन में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च
मौजूद हैl
( ख) रेणुका जी से संबंधित दांत कथा लिखें?
2. दंतकथा है के परशुराम की माता रेणुका ने अपने पति ऋषि जमदग्नि के शाप के कारण एक झील का रूप धारण कर लिया थाl रेणुका झील से कुछ आगे एक छोटा सा ताल है जिसे परशुराम ताल कहते हैं जहां माताजी निकाले जी के मंदिर विशेष हैंl
(ग) रेणुका झील की विशेषताएं लिखें?
3. लगभग 3 किलोमीटर क्षेत्र में फैली
है जहां चारों और ऊंचे ऊंचे पहाड़ वह पेड़ है जो सिर से पैर तक हरियाली से ढके हुए हैं और पर्यावरण को सुखद बनाते हैंl परिक्रमा करते हुए हमने मिनी चिड़ियाघर के कुछ जानवर देखें lकुछ अपने अपने घर में विश्राम कर रहे थेl मोर पंख फैलाए अपने
सौंदर्य का परिचय दे रहा थाl
( घ) पावटा साहिब गुरुद्वारे की जानकारी एकत्रित कर लिखें?
4. जहां से पांवटा साहिब लगभग 35 किलोमीटर दूर थाl यमुना नदी के तट पर बसे ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल गुरुद्वारा पांवटा साहिब के दर्शन किए बिना चंडीगढ़ आना अधूरी जात्रा होती हैl पांवटा साहिब में गुरु गोविंद सिंह की कई वर्ष तक रहेl
आज पांवटा साहिब एक तीर्थ स्थान के रूप में परिणित हो चुका हैl