पाठ 15 गुरपूर्व
मेरी दिनचर्या में रोज सुबह और शाम को द्वारे जाना शामिल हैl मैं बचपन से ही अपने परिवार के साथ गुरु दर्शन के लिए गुरुद्वारे में माथा टेक में जाता हूंl मुझे इसमें अतीव आनंद शांति मिलती हैl आज मैं जब गुरुद्वारे गया तो वहां पर गुरुद्वारा प्रबंधको ने घोषणा की कि प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी कार्तिक मास की पूर्णिमा को सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाया जाएगाl उन्होंने इस पर्व में अधिक से अधिक संख्या में लोगों को शामिल होने के लिए कहाl मैं तो गुरपूर्व का नाम सुनते ही रोमांचित हो गयाl मुझे तो साल भर से इस गुरपूर्व का इंतजार रहता हैl
मैंने घर आकर अपने मित्रों को भी बताया के कुछ दिन बाद ही गुरुपूर्व हैl वह भी गुरपूर्व का नाम सुनते उत्साहित हो गएl हम सभी ने इस गुरपूर्व को इकट्ठे मिलकर मनाने का फैसला कियाl अब जयो- जयो गुरुपूर्व का दिन नजदीक आता जाता तयों तयों उसे मनाने का हमारा उत्साह बढ़ता जाताl गुरुद्वारे में सभी श्रद्धालुओं में भी इसे मनाने का बहुत उत्साह थाl गुरुपूर्व के कुछ दिन पहले को गुरद्वारा समिति द्वारा प्रभातफेरी का आयोजन किया गया जिनमें श्रद्धालु ढोलक तथा चिमटे बजाते हुए सबद कर रहे थेl अपने परिवार तथा मित्रों के साथ प्रभातफेरी में शामिल हुआl
गुरुपूर्व के अवसर पर सजावट के काम को बहुत महत्व दिया जाता हैl गुरुद्वारों में तो पहले ही साफ सफाई का बड़ा ध्यान रखा जाता है लेकिन गुरु पर्व के अवसर पर उन्हें और भी सुंदर व आकर्षक बना बनाने की तैयारियां जोरों से हो रही थीl कोई फूलों की लड़ियां बना रहा था तो कोई फर्श, सीढ़ियां आदि चमका रहा थाl बहुत से सेवादार आस पास की सड़क की सफाई कर रहे थेl इस खास दिन के लिए गुरुद्वारे को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया थाl रात को गुरुद्वारे की शोभा देखते ही बनती थीl सचमुच गुरुद्वारे की इतनी खूबसूरती तो हमेशा के लिए मेरी आंखों में समा गईl
गुरपुरब से 2 दिन पहले नगर कीर्तन का भी आयोजन किया गया जिसमें अनेक लोग शामिल हुए नगर कीर्तन की अगुवाई पांच प्यारों द्वारा की गई उन्होंने निशान साहिब को बड़े ही उत्साह व श्रद्धा से पकड़ रखा था नगर कीर्तन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी को खूब सजाया गया था जिसके पीछे पीछे कीर्तन मंडलियों द्वारा लोगों को निहाल कर रही थी तथा प्रसाद का वितरण किया जा रहा था बैंड बाजे वाले विभिन्न ध्वनियों को बजाते हुए चल रहे थेl नगर कीर्तन में गतका खेलने वाले भी अपनी वीरता में कला के लिए लोगों को बरबस ही अपनी और आकर्षित कर रहे थेl उनका उत्साह तो साथ देखते ही बनता थाl यह नगर केतन की शोभा को और भी बढ़ा रहे थे lजहां जाते नगर कीर्तन गुजर रहा था वहां थोड़ी थोड़ी दूरी पर है श्रद्धालुओं द्वारा आम जनता के लिए चाय पानी, चने, कड़ाह आदि के लंगर लगाए गएl हमारे मोहल्ले के श्रद्धालुओं ने भी मिलकर बहुत सारा आटा,चाय पत्ती और ढेर सारे जी का प्रबंध कर रखा थाl एक श्रद्धालु ने गुप्त रूप से 100 किलो दूध में 50 किलो चीनी लंगर हेतु भिजवाएl इस तरह बड़े ही चाव वे स्नेह नगर कीर्तन में लोगों को चाय पानी का लंगर में कड़ाह प्रसाद वितरित किया गयाl लोग गली मोहल्ले, दुकानों, घरों से निकलकर नगर कीर्तन में बड़ी हुई शरदा से शामिल हो रहे थेl इस तरह नगर के विभिन्न स्थानों से होता हुआ गुरुद्वारा साहिब में जाकर संपन्न हुआl
गुरपुरब से 2 दिन पूर्व गुरुद्वारे में अखंड पाठ रखे गए और गुरुपूर्व वाले दिन उनके भोग डाले गएl रागी जत्थों द्वारा शब्द कीर्तन के माध्यम से संगत को गुरु चरणों से जोड़ा गयाl इस अवसर पर गुरुद्वारे में सिखों के गौरवपूर्ण इतिहास, गुरुओं की अलौकिक वाणी से संबंधित धार्मिक साहित्य की प्रदर्शनी भी लगाई गई तथा साहित्य का नि:शुल्क वितरण किया गयाl गुरुद्वारे में ही बड़ी श्रद्धा व
व्यवस्थित ढंग से 'गुरु का लंगर' अटूट वितरण किया गयाl
जिसमें छोटे बड़े, अमीर गरीब एक साथ पंगत में बैठकर लंगर शक् रहे थेl नि: संदेह गुरुपूरब वाले दिन गुरुद्वारों में सभी आनंद विभोर हो रहे थेl
गुरपुरब वाले दिन रात को लोगों ने अपने घरों दुकानों आदमी दीपमाला की तथा पटाखे चलाए गुरुद्वारे में दीवान सजाए गए जिसमें दूर-दूर से रागी जत्थे गुरबाणी का कीर्तन करते रहे सचमुच गुरुपूरब की महिमा अपरंपार हैl मैंने अपने परिवार व मित्रों के साथ इस गुरपूर्व पर खूब आनंद उठायाl मुझे अगले गुरपूर्व का फिर इंतजार रहेगाl
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दें :-
( क) गुरु नानक देव जी का प्रकाश पूर्व कब मनाया जाता है?
1. गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व कार्तिक मास की पूर्णिमा में मनाया जाता हैl
( ख) नगर कीर्तन की अगुवाई में होता है?
2. नगर कीर्तन की अगुवाई पांच प्यारों द्वारा की गई
(ग) नगर कीर्तन में गतका खेलने वाले लोगों को अपनी औरत कैसे आश्रित करते हैं?
3. नगर कीर्तन में गतका खेलने वाले भी अपनी वीरता व कला से लोगों को बरबस अपनी और आकर्षित कर रहे थेl
( घ) नगर कीर्तन विभिन्न स्थानों से होता हुआ कहां जाकर संपन्न होता है?
4. नगर कीर्तन विभिन्न स्थानों से होता हुआ गुरुद्वारा साहिब में जाकर संपन्न हुआl
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार वाक्य में दें:-
(क) प्रभातफेरियो में श्रद् दालू क्या करते हैं?
1. गुरुपूरब दिन पहले ही गुरुद्वारा समिति द्वारा प्रभातफेरी का आयोजन किया गया जिनमें श्रद्धालु ढोलक तथा चिमटे बजाते हुए शब्द उच्चारण कर रहे थे
( ख) गुरपूर्व के अवसर पर गुरुद्वारों को किस तरह सजाया गया था?
1. गुरपुरब के अवसर पर उन्हें और भी सुंदर व आकर्षक बनाने की तैयारियां जोरों से होती हैlकई फूलों की लड़ियां बना रहा थाl तो कोई फर्श, सीढ़ियां आद चमका रहा थाl बहुत से सेवादर गुरुद्वारे के आसपास की सड़क की सफाई कर रहे थेl इस खास दिन के लिए गुरुद्वारे को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता हैl रात को गुरुद्वारे की शोभा देखने ही दे बनती थी