पाठ14 कुमार कालीबाई
राजस्थान में एक जिला है डूंगरपुरl इस जिले में एक गांव है रास्तापालl रास्तापाल गांव में एक स्मारक बना हैl यह स्मारक एक आदिवासी बालिका की बहादुरी और बलिदान की निशानी हैl 13 साल की लड़की आजादी की लड़ाई में कूद पड़ी और अपने प्राणों की बलि दे दीl आप सोच सकते हैं कि 13 साल की बालिका में यह राजनीतिक जागृति कहां से आई होगी? इसके हृदय में देश प्रेम की आग कैसे लगी होगी? फिर ऐसी बालिका जो कच्ची उम्र की हो, आदिवासी जाति की हो, कैसे क्रांतिकारी बन बैठी? आश्चर्य की बात तो है ही, पर बात सच हैl उसके जीवन की एक अनोखी कहानी हैl
बालिका का नाम था कुमारी कालीबाईl कुमारी कालीबाई के मां बाप कौन थे, इस बात का तो पता नहीं चल सका, पर इतना जरूर पता चला कि कुमारी कालीबाई रास्ता पाल गांव की आदिवासी लड़की थीl रास्ता पाल गांव तथा आसपास का इलाका आदिवासियों का इलाका हैl
घटना 1947 की हैl बस, आजादी मिलने ही वाली थी, तभी रास्तापाल गांव में यह घटना घटीl गांव में एक स्कूल थाlइस स्कूल में एक शिक्षक थे, जिनका नाम था नानाभाई खाटl इस स्कूल को भोगीलाल पांडे नाम के एक व्यक्ति चलाते थेl पांडे जी गुप्त रूप से अंग्रेजी सरकार के खिलाफ कुछ काम किया करते थेl स्कूल क्रांतिकारी गतिविधियों का अड्डा थाl स्कूल के 2 अध्यापक नानाभाई खाट और सेगाभाई क्रांतिकारी गतिविधियां चलाते थेl वे क्रांतिकारियों की सभाएं करते, पर्चे बंटवातें, सूचनाएं भिजवातेंl यह सारे काम गुप्त रूप से किए जा रहे थेl पर कोई बात कब तक गुप्त रहती, एक न एक दिन भेद खुलना ही थाl अंग्रेजों को इन सारी बातों का पता चल गयाl
अंग्रेज सरकार ने डूंगरपुर के महा रावत लक्ष्मण सिंह को सूचित किया कि वह रास्ता पाल गांव का स्कूल बंद करवा देlवें लक्ष्मण सिंह के कुछ लोग, कुछ सिपाही तथा सेना के जवान लेकर गांव पहुंचेl उनके साथ डूंगरपुर के जिलाधीश भी थेl सिपाहियों ने नानाभाई खाट और सेगाभाई से स्कूल बंद करने कर देने को कहाl उन्होंने जवाब दिया-" हम लोग कौन होते हैं स्कूल बंद करने वालेl स्कूल तो पांडे जी चलाते हैंl वे जाने"l
जिलाधीश ने भी स्कूल बंद कर देने को कहाl पर उन् लोगों ने उनकी बात नहीं मानीl इस पर चिढ़कर जिलाधीश ने पुलिस को आदेश दे दिया कि वे दोनों दे आपको को मारपीट कर ठीक कर देंl बस, लगी पुलिस डंडा बरसानेl नानाभाई खाट को तो मारते मारते वहीं ढेर कर दिया और सेगाभाई को जीप के पीछे रस्सियों से बांध दियाl सेगाभाई की यह हालत देखकर कालीबाई दौड़कर जीत के सामने आ गई और बोली-" छोड़ दो मास्टर साहब कोl इन्होंने क्या गलती की है?"
एक सिपाही बोला," भाग जा सामने से, नहीं तो गोली मार दूंगाl"
उसने निडर लड़की ने कहा," मार, देखती हूं कैसे मारेगाl" इतना कहकर वह दौड़कर जीप के पीछे आ गई और एक कछिया से रसिया काट दीlसेगाभाई छूट गए और आनन-फानन में वहां से रफूचक्करl रह गए वहां अकेली कालीभाईl यह देखकर सैनिकों ने कालीबाई पर गोलियों की बौछार कर दीl कालीभाई की जीवन लीला समाप्त हो गईl
कालीभाई के मरने की खबर सुनकर हजारों की संख्या में भील आदिवासी वहां इकट्ठा हो गएl उन्होंने अपना मारू बिगुल बजा दिया और गैर दिया और अंग्रेजों कोl भारी भीड़ देखकर वे जीप में सवार होकर भाग्य वहां सेl आदिवासी ने उनका पीछा कियाl वे भागते रहेl आदिवासी तब तक उनका पीछा करते रहे जब तक उनकी जीप दूर जाकर औझल नहीं हो गईl
देश की आजादी के लिए कालीबाई निशावर हो गईl एक जीवन की कहानी खत्म हो गई, लेकिन खत्म नहीं हुई, शुरू हुईl कालीबाई अगर खुदा ने जिंदगी जीती तो उनका नाम शाहिद कोई ना जानताl लेकिन उन्होंने ऐसा काम कर दिखाया जिससे वह हमेशा के लिए अमर हो गईl उसका जीवन इतिहास बन गयाl ऐसा इतिहास जिसको पढ़ कर देश की हर युवती, युवक देशभक्ति की प्रेरणा लेता रहेगाl
3 . निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दे:-
( क) कुमारी काली बाई का स्मारक राजस्थान के गांव में बना है?
1. काली बाई का स्मारक राजस्थान के रास्ता पाल गांव में बना हैl
( ख) कुमार कालीबाई जब देश के लिए शहीद हुए तो उसकी उमर
कितनी थी?
2. कुमारी कालीबाई जब देश के लिए शहीद हुई तो उसकी उम्र 13 साल
थीl
( ग) रास्ता
पाल गांव के कौन से दो अध्यापक क्रांतिकारी गतिविधियां चलाते थे?
3. रास्ता पाल गांव में नानाभाई खाट और सिंगा भाई क्रांतिकारी गतिविधियां चलाते थेl
( घ)
इस घटना में शहीद हुए अध्यापक का क्या नाम था?
4. इस घटना में शहीद हुए अध्यापक का नाम नानाभाई खाट थाl
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन चार वाक्यों में दे:-
(क) भोगीलाल पंड्या
और स्कूल के दो
अध्यापक अंग्रेज सरकार के खिलाफ क्या काम करते थे?
1. पांडे जी गुप्त रूप से अंग्रेज सरकार के खिलाफ कुछ काम किया करते थेl स्कूल क्रांतिकारी गतिविधियों का अड्डा थाl स्कूल के 2 अध्यापक नानाभाई खाट और सिंगाबाद क्रांतिकारी गतिविधियां चलाते थेl वे क्रांतिकारियों की सफाई करते सूचनाएं भिजवातेl
(ख) कुमारी काली बाई ने अध्यापक सीधाभाई को अंग्रेजों से कैसे बचाया ?
2. वे दौड़कर जीप के पीछे आ गई और एक कचिया से रसिया काट दीl सेगा भाई शूट गए और आनन-फानन में वहां से रफूचक्कर हो गएl
(घ) कुमारी कालीबाई देश के लिए कैसे शहीद हुई?
3.
वे दौड़कर जीप के पीछे आ गई और एक कचिया से रसिया काट दीl
सेगा भाई शूट गए और आनन-फानन में वहां से रफूचक्कर हो गएl यह देखकर सैनिकों ने
कालीबाई पर गोलियों की बौछार कर दीl काली बाई की जीवन लीला समाप्त हो गईl